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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2022
पृष्ठ :180
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2657
आईएसबीएन :0

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बीएससी सेमेस्टर-1 जन्तु विज्ञान

प्रश्न- माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना व कार्यों का वर्णन कीजिए।

सम्बन्धित लघु उत्तरीय प्रश्न
1. निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-
(i) माइटोकॉण्ड्रिया की परारचना
(ii) माइटोकॉण्ड्रिया के कार्य।
(iii) माइटोकॉण्ड्रिया।

उत्तर -

माइटोकॉण्ड्रिया
(Mitochondria)

माइटोकॉण्ड्रिया, जिनकों सामान्यतः कोशिका के पावर हाउस (power house of the cell) के नाम से जाना जाता है, जन्तुओं तथा पौधों की कोशिकाओं के कोशाद्रव्य में मिलने वाली सूक्ष्म फिलामेण्ट्स अथवा कणिकीय अंगक हैं। ये कोशिकाओं को ऊर्जा प्रदान करते हैं। ये पौधों एवं जन्तुओं दोनों की कोशिकाओं में पाये जाते हैं। किन्तु बैक्टीरिया तथा स्तनियों की परिपक्व लाल रुधिर कणिकाओं (RBCs) में अनुपस्थित होते हैं।

कोलीकर (Kolliker) ने सन् 1850 में सर्वप्रथम कीटों की पेशी कोशाओं में माइटोकॉण्ड्रिया की 'खोज की तथा इनको साइटोप्लाज्मिक ग्रेन्यूल्स (cytoplasmic granules) का नाम दिया। फ्लैंमिंग (Flemming) ने सन् 1882 में इन्हें कोशिकाओं में धागे सदृश रचना के रूप में देखा तथा इसका नाम फिला (Fila) रखा। अल्टमान (Altmann) ने 1894 में इसको बायोप्लास्ट (Bioplast) का नाम दिया। बाद में बेण्डा (Benda) नामक वैज्ञानिक ने सन् 1897 में इन्हें माइटोकॉण्ड्रिया (Mitochondria) का. नाम दिया। ये कोशिकाओं के स्थायी अंगक हैं। होजबूम (Hogeboom) ने 1948 में जानकारी दी कि कोशिका में इनके द्वारा कोशिकीय श्वसन (Cellular respiration) होता है।

आकारिकी (Morphology) - माइटोकॉण्ड्रिया छोटी-छोटी कणिकाओं, महीन तन्तुं या छोटी शलाकाओं के रूप में दिखाई देते हैं। ये कोशिकाद्रव्य में गति करते हैं अथवा फिर कुछ विशेष क्षेत्र तक ही सीमित होते हैं। ये मुग्दर, वेसिकुलर तथा रिंग के आकार (club, vesicular and ring-shaped) के भी होते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया का परिमाण भिन्न-भिन्न कोशिकाओं में भिन्न-भिन्न होता है। प्रोटोजोअन जन्तुओं में अमीबा चाओस चाओस (Chaos chaos) में इनकी संख्या 5,00,000 (सबसे अधिक) तक होती है, जबकि स्पर्म कोशिकाओं में से संख्या 20 से 24 तक होती है।

माइटोकॉण्ड्रिया की परारचना (Ultrastructure of Mitochondria) - प्रत्येक माइटोकॉण्ड्रिया में दो झिल्लियाँ तथा दो कक्ष होते हैं -

(A) माइटोकॉण्ड्रियल झिल्लियाँ (Mitochondrial Membranes) -

1. बाह्य झिल्ली (Outer Membrane) - यह चिकनी तथा 60 Å मोटी होती है और माइटोकॉण्ड्रिया को चारों ओर से परिबन्धित करती है। इसकी एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम के समान त्रिपटलीय संरचना होती है। यह एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की झिल्लियों से समजातता प्रदर्शित करती है।

2. भीतरी झिल्ली (Inner Membrane) - यह लगभग 64 À मोटी होती है और बाह्य झिल्ली के अन्दर की ओर स्थित होती है तथा 60-80 À चौड़े स्थान द्वारा उससे पृथक रहती है। यह माइटोकॉण्ड्रिया की गुहा में उद्रेखों या पटों के रूप में प्रक्षिप्त रहती है। उद्रेखों या पटों को माइटोकॉण्ड्रियल क्रैस्ट या क्रिस्ट्री कहते हैं। क्रैस्ट भीतरी गुहा को अनेक परस्पर सम्बन्धित कक्षों में विभाजित कर देते हैं।

(B) माइटोकॉण्ड्रियल कक्ष (Mitochondrial Chamber) -

3. बाह्य कक्ष (Outer Chamber) - यह माइटोकॉण्ड्रिया के दोनों कक्षों के बीच का स्थान है जो क्रिस्ट्री के कोर में भी फैला रहता है। यह लगभग 60-70 A फरनान्डेज मोरान उपइकाई चौड़ा होता है। इसे पेरिमाइटोकॉण्ड्रियल कक्ष (perimitochondrial chamber) भी कहते हैं।

4. भीतरी कक्ष (Inner Chamber) - यह माइटोकॉण्ड्रिया के अन्दर भीतरी मेम्ब्रेन द्वारा घिरी हुई गुहा है जो एक सघन द्रव द्वारा भरी रहती है। इस सघन द्रव को माइटोकॉण्ड्रियल मैट्रिक्स (mitochondrial matrix) कहते हैं। यह जेल (gel) जैसा पदार्थ है तथा छोटे अणुओं एवं घुलनशील प्रोटीन्स से युक्त होता है। इसमें कुछ महीन तन्तु तथा कणिकाएँ भी होती हैं। कणिकाएँ Mg** तथा Ca++ आयनों को बाँधती है।

(C) माइटोकॉण्ड्रियल कण (Mitochondrial Particles) - मैट्रिक्स (matrix) छोटे अणुओं तथा विलयशील प्रोटीन्स से युक्त सान्द्रता वाले जेल के समान पदार्थ हैं। इसमें कुछ महीन तन्तुक या कणिकायें भी होती हैं। कणिकायें Mg++ तथा Ca++ आयनों को बन्धित करने वाले स्थान हैं। इसमें कुछ 70S राइबोसोम्स तथा DNA भी होते हैं।

 

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माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना

F1 कण (F1 Particles) - भीतरी झिल्ली तथा क्रैस्ट्स पर 80-100 A आकार के अनेक कण लगे रहते हैं। ये एक छोटे से वृत्त द्वारा झिल्ली से आसंजित रहते हैं। इन कणों को F, कण (F particles) या ऑक्सीसोम (oxysomes) कहते हैं। प्रत्येक माइटोकॉण्ड्रिओन में इनकी संख्या 10° तक होती है। ये ATP संश्लेषण के पुंज हैं जो ऑक्सीकरण एवं फॉस्फोरिलीकरण में भाग लेते हैं। ये कण भीतरी झिल्ली की मोटाई में स्थित होते हैं और केवल विशेष आकृतियों में ही दृष्टिगत होते हैं (जबकि इनको अल्पपरासरी विलयन में रखा जाता है)।

इन कणों को एलीमेन्टरी कण (elementary particles) अथवा Fo-F1 जटिल अथवा ATP कॉम्पलेक्स अथवा भी कहते हैं। माइटोकॉण्ड्रियल कणों में इलेक्ट्रॉन परिवहन तंत्र तथा ऑक्सीडेटिव फॉस्फोराइलेशन के लिये आवश्यक सभी एन्जाइम व कॉम्पलेक्स (complex) होते हैं। इनको इलेक्ट्रॉन ट्रान्सफर कण (ETP) भी कहते हैं।

माइटोकॉण्ड्रिया के कार्य
(Functions of Mitochondria)

माइटोकॉण्ड्रिया कोशिका के निम्नलिखित कार्य करते हैं :

1. श्वसन या भोजन का ऑक्सीकरण (Respiration or Oxidation of Food) - माइटोकॉण्ड्रिया में भोजन का ऑक्सीकरण होता है। अतः इनमें भोजन के ऑक्सीकरण के लिये एन्जाइम होते हैं। ऑक्सीकरण के अन्तर्गत माइटोकॉण्ड्रिया भोज्य पदार्थ में संचित स्थितिज ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं जो कोशिका की विभिन्न जैविक क्रियाओं के पूर्ण करने के लिये उपयोग में आती है।

इसके अतिरिक्त ऊर्जा कोशिका में ATP के रूप में संचित हो जाती है जो बाद में आवश्यकता पड़ने पर विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के लिये मुक्त हो जाती है।

2. स्राव (Secretion) - सहॉर्निंग (Horning) के अनुसार माइटोकॉण्ड्रिया में प्रोटियोलिटिक एन्जाइम (proteolytic enzymes) होते हैं इनका सम्बन्ध जाइमोजन कण (zymogen granules) से होता है, जिनके द्वारा संश्लेषक तथा संलयी (lytic) क्रियाओं का संचालन होता है।.

3. वसा का उपापचय (Metabolism of Fat) - वोथन तथा बैन्स्ले (Wothan and Benslay) के अनुसार माइटोकॉण्ड्रिया का वसा के उपापचय से सम्बन्ध होता है। इनके अनुसार माइटोकॉण्ड्रिया में कोशिका के लिये अतिरिक्त फैट्स की मात्रा संचित रहती है। इस प्रकार ये अंकुरण करते हुए बीजों में डायस्टेटिक क्रिया (diastatic activity) में सहायक होते हैं।

4. शुक्राणुओं के मध्य भाग के चारों ओर माइटोकॉण्ड्रिया एक माइटोकॉण्ड्रियल आच्छद का निर्माण करते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- कोशा कला की सूक्ष्म संरचना जानने के लिए सिंगर और निकोल्सन की तरल मोजैक विचारधारा का वर्णन कीजिए।
  2. प्रश्न- कोशिका सिद्धान्त से आप क्या समझते हैं? प्राणि कोशिका का नामांकित चित्र बनाइए तथा पाँच कोशिका उपांगों के मुख्य कार्यों का वर्णन कीजिए।
  3. प्रश्न- निम्नलिखित वैज्ञानिकों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) एन्टोनी वान ल्यूवेन हॉक (ii) श्लीडेन तथा श्वान्स
  4. प्रश्न- अन्तरकोशिकीय संचार या कोशिका कोशिका अन्तर्क्रिया पर टिप्पणी लिखिए।
  5. प्रश्न- कोशिका-एडहेसन का वर्णन कीजिए।
  6. प्रश्न- निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए - (i) माइक्रोट्यूब्ल्स (ii) माइक्रोफिलामेन्टस (iii) इन्टरमीडिएट फिलामेन्ट
  7. प्रश्न- माइटोकॉण्ड्रिया की संरचना व कार्यों का वर्णन कीजिए।
  8. प्रश्न- एण्डोप्लाज्मिक रेटीकुलम की संरचना तथा कार्यों का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  9. प्रश्न- राइबोसोम की संरचना एवं कार्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- परऑक्सीसोम पर टिप्पणी लिखिए।
  11. प्रश्न- वेंकटरमन रामाकृष्णन पर टिप्पणी लिखिए।
  12. प्रश्न- बाह्य प्रोटीन और समाकल प्रोटीन कोशिका कला की पारगम्यता को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
  13. प्रश्न- हरितलवक और माइटोकॉण्ड्रिया में मिलने वाले समान लक्षणों का वर्णन कीजिए।
  14. प्रश्न- परॉक्सीसोम किन कोशिकांगों के साथ मिलकर प्रकाशीय श्वसन (फोटोरेस्पिरेशन) की क्रिया सम्पन्न करता है? प्रकाशीय श्वसन के जैविक कार्यों की समीक्षा प्रस्तुत कीजिए।
  15. प्रश्न- केन्द्रक की संरचना का चित्र सहित वर्णन कीजिए।
  16. प्रश्न- उपयुक्त आरेखों के साथ गुणसूत्र आकारिकी व परासंरचना का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- “गुणसूत्रों की विशेष किस्में” विषय पर एक निबन्ध लिखिए।
  18. प्रश्न- न्यूक्लिक अम्ल क्या होते हैं? डी.एन.ए. की संरचना तथा प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  19. प्रश्न- वाट्सन तथा क्रिक के द्वारा प्रस्तुत डी. एन. ए. की संरचना का वर्णन कीजिए तथा डी. एन. ए. के विभिन्न प्रकार बताइए।
  20. प्रश्न- राइबोन्यूक्लिक अम्लों की रचना का वर्णन कीजिए तथा इसके जैविक एवं जैव-रासायनिक महत्व पर प्रकाश डालिए।
  21. प्रश्न- मेसेल्सन एवं स्टेहल के उस प्रयोग का वर्णन कीजिए जो अर्द्ध-संरक्षी डी. एन. ए. पुनरावृत्ति को प्रदर्शित करता है।
  22. प्रश्न- जेनेटिक कोड पर टिप्पणी लिखिए।
  23. प्रश्न- गुणसूत्रों की रचना एवं प्रकार का वर्णन कीजिए।
  24. प्रश्न- न्यूक्लिओसोम का वर्णन कीजिए।
  25. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  26. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  27. प्रश्न- सेण्ट्रोसोम की परिभाषा लिखिए।
  28. प्रश्न- क्रोमेटिन के प्रकारों को बताते हुए हेटेरोक्रोमेटिन को विस्तार से समझाइये।
  29. प्रश्न- किसी एक प्रायोगिक साक्ष्य द्वारा सिद्ध कीजिये कि डी.एन.ए. ही आनुवांशिक तत्व है।
  30. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- B गुणसूत्र का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
  32. प्रश्न- डी.एन.ए. और आर.एन.ए. में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  33. प्रश्न- RNA कौन-सा आनुवंशिक कार्य DNA की तरह पूरा करता है?
  34. प्रश्न- नीरेनबर्ग तथा एच.जी.खोराना के योगदान का वर्णन कीजिए।
  35. प्रश्न- क्या RNA का एक स्ट्रेण्ड दूसरा स्ट्रेण्ड संश्लेषित कर सकता है?
  36. प्रश्न- DNA की संरचना फॉस्फोरिक एसिड, पेन्टोज शर्करा तथा नत्रजन क्षार से होती है। इसके वस्तुतः आनुवंशिक तत्व कौन से हैं?
  37. प्रश्न- वाटसन एण्ड क्रिक पर टिप्पणी लिखिए।
  38. प्रश्न- DNA की पुनरावृत्ति में सहायक एन्जाइमों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- कोशिका चक्र से आप क्या समझते हैं? इण्टरफेज में पायी जाने वाली कोशिका चक्र की विभिन्न प्रावस्थाओं का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- समसूत्री कोशिका विभाजन का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए तथा समसूत्री के महत्व पर एक टिप्पणी लिखिए।
  41. प्रश्न- अर्धसूत्री कोशिका विभाजन का सविस्तार वर्णन कीजिए तथा इसके महत्व का उल्लेख कीजिए।
  42. प्रश्न- समसूत्री तथा अर्धसूत्री विभाजन में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  43. प्रश्न- एक संकर संकरण क्या है? कम से कम दो उदाहरणों को बताइए।
  44. प्रश्न- स्वतन्त्र अपव्यूहन के नियम को समझाइए।
  45. प्रश्न- एक उपयुक्त उदाहरण देते हुए अपूर्ण प्रभाविकता पर एक टिप्पणी लिखिए।
  46. प्रश्न- जन्तुओं में लिंग निर्धारण की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
  47. प्रश्न- मानव में लिंग निर्धारण कैसे होता है?
  48. प्रश्न- लिंग निर्धारण में प्राकृतिक कारकों के प्रभाव का उदाहरण सहित विस्तृत वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- वंशानुगत तथा आनुवंशिकी में अन्तर बताइए।
  50. प्रश्न- आनुवंशिकी का जनक किसको वस्तुतः कहा जाता है?
  51. प्रश्न- समप्रभाविता की वंशागति को समझाइए।
  52. प्रश्न- “समलक्षणी जीवों की जीनी संरचना भिन्न हो सकती है। यह कथन सही है अथवा गलत? क्यों?
  53. प्रश्न- ग्रीगर जॉन मेण्डल के योगदान को रेखांकित कीजिए।
  54. प्रश्न- कौन-सा कोशिका विभाजन गैमीट पैदा करता है?
  55. प्रश्न- स्यूडोडोमिनेंस पर टिप्पणी लिखिए।
  56. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस एवं बैक क्रॉस में अन्तर बताइए।
  57. प्रश्न- टेस्ट क्रॉस तथा बैक क्रॉस को समझाइए।
  58. प्रश्न- मानव में बार बॉडी के महत्व को समझाइये।
  59. प्रश्न- लिंग प्रभावित वंशागति एवं लिंग सीमित वंशागति में अन्तर बताइए।
  60. प्रश्न- लिंग सहलग्न, लिंग प्रभावित और लिंग सीमाबद्धित लक्षणों के बीच सोदाहरण विभेदकीजिए।
  61. प्रश्न- मेरी एफ. लिओन की परिकल्पना समझाइए।
  62. प्रश्न- कारण स्पष्ट कीजिए कि नर मधुमक्खी में शुक्राणुओं का निर्माण समसूत्री विभाजन द्वारा क्यों होता है?
  63. प्रश्न- ZW टाइप लिंग निर्धारण पर टिप्पणी लिखिए।
  64. प्रश्न- पक्षियों में लिंग निर्धारण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
  65. प्रश्न- स्तनधारी मादा की शुरूआती अवस्था में कौन-सा X क्रोमोसोम हेट्रोक्रोमेटाइज हो जाता है, माता का या पिता का?
  66. प्रश्न- मल्टीपिल ऐलीलिज्म पर एक निबन्ध लिखिए।
  67. प्रश्न- Rh-तत्व क्या है? इसके महत्व एवं वंशागति का वर्णन कीजिए।
  68. प्रश्न- जीन की अन्योन्य क्रिया से आप क्या समझते हैं? उदाहरणों की सहायता से जीन की अन्योन्य क्रिया की विधि का वर्णन कीजिए।
  69. प्रश्न- सहलग्नता क्या है? उचित उदाहरण देते हुए इसके महत्त्व की चर्चा कीजिए।
  70. प्रश्न- क्रॉसिंग ओवर को उदाहरण सहित समझाइए तथा इसके महत्व पर प्रकाश डालिए।
  71. प्रश्न- एक स्त्री का रक्त समूह 'AB' व उसके बच्चे का रक्त समूह '0' है। कारण सहित स्पष्ट कीजिए कि उस बच्चे के पिता का रक्त समूह क्या होगा?
  72. प्रश्न- एक Rh + स्त्री, Rh पुरुष से शादी करती है। इनकी संतति में एरेथ्रोब्लास्टोसिस की क्या सम्भावना है?
  73. प्रश्न- लैंडस्टीनर के योगदान का वर्णन कीजिए।
  74. प्रश्न- रक्त समूह को समझाइए।
  75. प्रश्न- जिनोम को परिभाषित कीजिए।
  76. प्रश्न- 'गृह व्यवस्थापक जीन' या 'रचनात्मक जीन' के बारे में बताइये।
  77. प्रश्न- प्रभावी तथा एपीस्टेटिक जीन में क्या अन्तर है?
  78. प्रश्न- लीथल जीन्स पर टिप्पणी लिखिए।
  79. प्रश्न- पूरक जीन क्रिया को परिभाषित कीजिए।
  80. प्रश्न- गुणसूत्र पर पाये जाने वाले विभिन्न अभिरंजन और पट्टिका प्रतिमानों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- हेट्रोक्रोमेटिन और उसके लक्षण पर टिप्पणी लिखिए।
  82. प्रश्न- क्रासिंग ओवर उद्विकास की प्रक्रिया है। स्पष्ट कीजिए।
  83. प्रश्न- लिंकेज ग्रुप पर टिप्पणी लिखिए।
  84. प्रश्न- सामान्य मानव कैरियोटाइप का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- गुणसूत्रीय विपथन पर एक निबन्ध लिखिए।
  86. प्रश्न- असुगुणिता किसे कहते हैं? विभिन्न प्रकार की असुगुणिताओं का वर्णन कीजिए तथा इनकी उत्पत्ति के स्रोत बताइए।
  87. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति से आप क्या समझते हैं? मनुष्य या ड्रोसोफिला के सन्दर्भ में इस परिघटना का उदाहरणों सहित विवेचन कीजिए।
  88. प्रश्न- क्लाइनफिल्टर सिंड्रोम कार्यिकी अथवा गुणसूत्र के असामान्य स्थिति का परिणाम है। स्पष्ट कीजिए।
  89. प्रश्न- मंगोलिज्म या डाउन सिन्ड्रोम क्या है?
  90. प्रश्न- टर्नर सिन्ड्रोम उत्पन्न होने के कारण एवं उनके लक्षण लिखिए।
  91. प्रश्न- समक्षार उत्परिवर्तन पर टिप्पणी लिखिए।
  92. प्रश्न- अनुप्रस्थ विस्थापन पर टिप्पणी लिखिए।
  93. प्रश्न- पोजीशन एफेक्ट क्या है? उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  94. प्रश्न- लिंग सहलग्नता प्रक्रिया को समसूत्री नर व समसूत्री मादा में स्पष्ट कीजिए।
  95. प्रश्न- वर्णान्ध व्यक्ति रेलवे ड्राइवर क्यों नहीं नियुक्त किये जाते हैं?
  96. प्रश्न- मानव वंशागति के अध्ययन में क्या मुख्य कठिनाइयाँ हैं?
  97. प्रश्न- संक्रामक जीनों से आप क्या समझते हैं?
  98. प्रश्न- वंशावली विश्लेषण पर टिप्पणी लिखिए।
  99. प्रश्न- लिंग सहलग्न वंशागति के प्रारूप का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोगजनक परजीवी की संरचना एवं जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  101. प्रश्न- वुचरेरिया बैन्क्रोफ्टाई के वितरण, स्वभाव, आवास तथा जीवन चक्र का वर्णन कीजिए।
  102. प्रश्न- जिआर्डिया पर एक विस्तृत लेख लिखिए।
  103. प्रश्न- एण्टअमीबा हिस्टोलायटिका की संरचना, जीवन-चक्र, रोगजन्यता एवं नियंत्रण का वर्णन कीजिए।
  104. प्रश्न- अफ्रीकी निद्रा रोग क्या है? यह कैसे होता है? इसके संचरण एवं रोगजनन को समझाइए। इस रोग के नियंत्रण के उपाय बताइए।
  105. प्रश्न- फाइलेरिया क्या है? इसके रोगजनकता एवं लक्षणों तथा निदान का वर्णन कीजिए।
  106. प्रश्न- जिआर्डिया के प्रजनन एवं संक्रमित रोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  107. प्रश्न- जिआर्डिया में प्रजनन पर टिप्पणी लिखिए।
  108. प्रश्न- जिआर्डिया पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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